तुम कब आओगे तुम कब आओगे ये मेरे बिछड़े सनम ये बेचैन दिल तुझे बुला रहा है आँखो का पानी लहू बनके आ रहा है ढूढती है नजर हर पल तुझे राहो मे आजा मेरे बिछड़े सनम ये बेचैन दिल तुझे बुला रहा है ©Vijay Saxena tum kab aaoge