रास्ते तू चल दे अपने हात क्यो मल रहा वक्त तेरा धीरे धीरे हातो से फिसल रहा इतना सब कुछ देख तेरे अन्दर का लावा क्यो न पिघल रहा रास्ता तो है गरम तेरा पैर क्यो न चलने कें लिये सुलग रहा निकल पड़ अपने रास्ते फिर देख तू भी तपतपाती चटानो को भी अपने तलवो से मसल रहा देख मंजिले दिख रही आगे का रास्ता अपने आप खुल रहा (तू चल दे अपने हात क्यो मल रहा) योगी पटेल #रास्ते