रह ए उल्फ़त में तेरी ऐसे निकले हैं हम ! गर्दिश ए वक़्त से भी पशेमाँ ना होगें, ना ही शिकस्त व़क्त से मानेगें !! रह ए उल्फ़त-प्यार की राह पशेमां-शर्मिंदा, गर्दिश ए वक़्त-मुसिबत का समय वक़्त के हाथों हार गए' आख़िरश इंसान अगर कहीं मजबूर होता है तो वक़्त के आगे। Collab करें YQ Bhaijan के साथ।