#अपनापन.. ये एक एहसास है ऐसा की इसके आगे कुछ नहीं, आप उदास बैठे है और कोई आ जाए आपके पास बैठने, भले कुछ ना बोले पर आपको उसके बैठने भर से सुकून का एहसास हो, बस यही है वो अपनापन,।। किंतु आज की दुनिया में अपनापन भी लोग अपने मतलब अपने काम के हिसाब से ही दिखाते है, आप जिस इंसान से सबसे ज्यादा अपनेपन की अभिलाषा रखते हैं, वही एक दिन आपको पराए होने का एहसास करा जाता है।। आज की दुनिया में आपको ही ये तय करना है की किस इंसान को नजदीक रखना है किस इंसान को दूर, क्योंकि अगर आप भावुक होके और सिर्फ सामने वाले की बातों से प्रभावित होके, उसे अपना मान रहे हैं और बाद में वो इंसान आपको तकलीफ देके चला जाता है, तो इसमें गलती आपकी है, उस इंसान को पहचानने में आने त्रुटि की है, क्योंकि आप भावुकता के साथ है, आप आज के समय में केवल भावुक होके कुछ मीठे शब्द बोलने वालों को अपना नहीं कह सकते।। जरूरी नहीं हर अपनापन दिखाने वाला शख्स आप का अपना हो, मगर हां कोई शख्स जो आपकी गलती पे आपको डांट रहा है, समझा रहा है गुस्सा कर रहा है, हमेशा आपकी हां में हां ना मिलाके, आपके लिए क्या सही क्या गलत है बता रहा है, ऐसे इंसान के लिए आप अपनेपन का एहसास रख सकते हैं,।। आप केवल भावुक होके ये तय नहीं कर सकते की कौन अपना कौन पराया है, क्योंकि आज की दुनिया दिल से नहीं दिमाग से काम लेती है।। अपने ही हमें करा जाते हैं अपने पराए में भेद, हम तो अपनो से ही करते है,अपनेपन की अभिलाषा, पर इन्ही अपनों ने बदल के रख दी हैं, अपनेपन की परिभाषा।।।🥰 #सादर_प्रणाम 🙏 #मन_में_एकाएक #शिव ©Shivendra Gupta #findyourself