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इश्क़ क्या होता है ये कौन बताएगा मैं फिर से वही इश्

इश्क़ क्या होता है ये कौन बताएगा मैं फिर से वही इश्के-इस्तेहार, 
लिखना चाहता हूँ, 
मैं फिर  से वही पुरानी,फूलवालों की सैर सी, 
बहार दिखना चाहता हूँ। 
कि  मैं फिर से बेमोल-प्रेम में, बिकना चाहता हूँ, 
थक गया हूँ कि अब,तेरी गोद में टिकना चाहता हूँ। 
मैं फिर से उसी इश्क के, ना-आसां आग के दरिया में, 
बेसिसक सिकना चाहता हूँ।
रख के सर गोद में तेरी, 
मेरे सूख गये आंसू रिसना चाहता हूँ। 

[ शब्द प्रीत ] #CTLLove
इश्क़ क्या होता है ये कौन बताएगा मैं फिर से वही इश्के-इस्तेहार, 
लिखना चाहता हूँ, 
मैं फिर  से वही पुरानी,फूलवालों की सैर सी, 
बहार दिखना चाहता हूँ। 
कि  मैं फिर से बेमोल-प्रेम में, बिकना चाहता हूँ, 
थक गया हूँ कि अब,तेरी गोद में टिकना चाहता हूँ। 
मैं फिर से उसी इश्क के, ना-आसां आग के दरिया में, 
बेसिसक सिकना चाहता हूँ।
रख के सर गोद में तेरी, 
मेरे सूख गये आंसू रिसना चाहता हूँ। 

[ शब्द प्रीत ] #CTLLove