चमकदार लोगों के भेद आहिस्ता खुलते हैं नए परवाज़ के पंछी बहोत दूर कहाँ उड़ते हैं दूर मंज़िल पे निगाह जाके टिकी है जिनकी तबियत ख़ामोश और क़दम संभाल के रखते हैं 10/12/21