✍️ तुम्हारे शहर में एक दिन बिता लूं अगर तुम्हें बुरा ना लगे.. तुम्हारे बारे में कुछ पता लगा लूं अगर तुम्हें बुरा ना लगे.. मैं तो एक मुसाफ़िर हूं आया हूं चला जाऊंगा.. कुछ दिल की बातें बयां कर दूं अगर तुम्हें बुरा ना लगे.. कृष्ण कान्त मिश्र तुम्हें अगर बुरा ना लगे..