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कितना नज़दीक था वो यह समझ ना सकी मैं पास रहते उसको

कितना नज़दीक था वो
यह समझ ना सकी मैं
पास रहते उसको जान ना सकी मैं
क्या है मन में उसके यह अनुभव ना कर सकी मैं....!
अब नहीं वो पास मेरे..दूर है वो मुझसे
लेकिन अब समझ चुकी हूँ मैं        (MUNESH SHARMA)
दूर से ही उसको पूरा जान चुकी हूँ मैं
क्या था मन में उसके सब अनुभव कर चुकी हूँ मैं...!
लेकिन अब देर हो चुकी है
वो कहीं और मैं कहीं और बसर कर रहे हैं
हाथ से रेत की भाँति वो लम्हें फिसल चुके हैं...!
अब अतीत को निहार सोचती हूँ मैं
कितना नज़दीक था वो
यह समझ ना सकी मैं...!

मुनेश शर्मा
(मेरे❤️✍️)🌈




 कितना नज़दीक था वो मगर....
#नज़दीक #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
कितना नज़दीक था वो
यह समझ ना सकी मैं
पास रहते उसको जान ना सकी मैं
क्या है मन में उसके यह अनुभव ना कर सकी मैं....!
अब नहीं वो पास मेरे..दूर है वो मुझसे
लेकिन अब समझ चुकी हूँ मैं        (MUNESH SHARMA)
दूर से ही उसको पूरा जान चुकी हूँ मैं
क्या था मन में उसके सब अनुभव कर चुकी हूँ मैं...!
लेकिन अब देर हो चुकी है
वो कहीं और मैं कहीं और बसर कर रहे हैं
हाथ से रेत की भाँति वो लम्हें फिसल चुके हैं...!
अब अतीत को निहार सोचती हूँ मैं
कितना नज़दीक था वो
यह समझ ना सकी मैं...!

मुनेश शर्मा
(मेरे❤️✍️)🌈




 कितना नज़दीक था वो मगर....
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