उलझन हर मोड़ पर नयी उलझन है क़दमों को सबाल कर चलना पड़ता है वो साथ न दें दोस्ती का तो साए मै चलना मुस्किल है दोस्ती का एक सफर है तेजी से चलता है रुकता है तो बिछड जाता है औरउलझ जाता हु मै। #ऊलझन #writenojoto