मैं हूँ वो लड़का रहता कामों में व्यस्त है, फिर भी देखो कितना मस्त है... हर किसी को करता प्रेम, न चाहता किसी से बैर... बस अपनी धुन में चलता जाये, कभी किसी पर न चिल्लाये... 'मैं हूँ वो लड़का' ग़म में भी जो मुस्कुराए, ख़ुद हंसे, सबको हँसाय... एक बचपना सा बसता है उसमें, खेल-खेल में, बच्चा हो जाए... हाँ, 'मैं हीं हू वो लड़का' जो कभी न लड़खड़ाये, पर अक्सर सबको सताये... आनेवाला कल जिसपर हावी हो, सब जानते हुए भी, टालता जाए... ........... ©अपनी कलम से #Happy #Life #boy #girl गुरु देव[Alone Shayar] poetry lovers love poetry in hindi hindi poetry on life poetry in hindi poetry on love