तेरी गलियों की खुशबू मेरे आँगन तक आ गई, चंद फूलों से सजा आशियाना उसको महका गई, मेरी चाहत तो बस एक तू थी ए दिलबर ए फिजाँ, इतना चाहा तुम्हें,तू किसी और की धड़कन बन गई, मेरी जान से ज़्यादा बढ़कर तुम्हें बस तुम्हें ही मांगा, मेरी इनायत में तुम न थी किसी और जिंदगी बन गई, तुमने कहा था तेरी ख़ुशी में ही मेरी ख़ुशी बसती है, मैं मलूल हूँ,तुम उसकी बाँहो में जा झूल सी गई। 🎀 Challenge-431 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 पिन पोस्ट 📌 पर दिए गए नियमों एवं निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए। 🎀 कोरा काग़ज़ समूह की पोस्ट नोटिफ़िकेशन्स ज़रूर 🔔 ON रखिए। जिससे आपको कोरा काग़ज़ पर होने वाली प्रतियोगिताओं की जानकारी मिलती रहे। #तेरीगलियोंकीख़ुशबू #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़