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कई रिश्तों की उम्र पत्तों सी होती है आज हरे......

कई रिश्तों की उम्र पत्तों सी होती है 
आज हरे.........कल सूखे .........
फिर पतझड़ से बिखरे-बिखरे।

©Rohitas Sharrma
  #standout