तीन रंगों की ये पट्टी नही, मेरे भारत का मान अभिमान है। खुशनसीब है उदय दुलारी नेह, हम सब भारत की सन्तान है।। कबीर की अमृत वाणी जहा, जहा दशरथ नन्दन की मर्यादा है। कृष्ण का नटखट पन तो, हरिशचन्द्र की सत्य, निष्ठा, वादा है।। धर्म जाति एकता यहां, स्नेह, आत्मनीयता, अपनत्व का भाव है। मीरा राधा का प्रेम यहां, तो सीता, कुन्ती की पवित्रता का प्रभाव है।। बुद्ध का है उपदेश यहां, तो महावीर जी के ज्ञान का प्रकाश है। ऐसा हिन्द हमारा जहा माता वसुन्धरे तो पिता हमारे आकाश है।। मेहमान है ईश्वर तुल्य, तो मात पिता के चरणों में स्वर्ग जन्नत है। मिले भारत भूमि की मिट्टी, उदय दुलारी की राघव से यही मन्नत है।।— % & #collabwithकोराकाग़ज़ #गणतंत्रदिवस2022 #गणतंत्रभारत #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़ #kknubgupta