कैसे बताएं तुम्हें कितना परेशान है हम तकलीफों से भरे आसमान में कितने अकेले है हम, तुम्हें पाया नहीं फिर भी खो देने का डर, ताउम्र अधूरा रह जाने का डर बहुत सताता है हमे, किसी से कह नही पाते किसी को जाहिर कर नहीं पाते, घर की परेशानियां इतनी है हम चैन से रह नहीं पाते.... वक्त की कमी बहुत है तुम्हारे पास और हमारे पास सब्र की कमी होती जा रही है कैसे बताएं तुम्हें धीरे - धीरे हम मरते जा रहे है। ©Paavi #Quotes #Emotion