यह कौन मुझे याद करता है इतना , मैं सह नहीं पाऊंगी , मेरे एहसास भी मेरे साथ है , मैं उनके बगैर और कहीं रह नहीं पाऊंगी , यह कौन आग लगाए बैठा है , यह किसका धुआं निकल रहा है , खामोशियों में छींको ने बहाल किया , तुम्हें भी याद आती होगी , मेरे एहसासो ने ख्याल किया । ©Bhanu Priya #Yadein poetry love poetry in Hindi poetry on love