आंखों की बारिश में कुछ बूंदे तुम्हारी हो इन कहानियों में कुछ पहेलियां तुम्हारी हो आंखों की बारिश से तेरी मासूमियत छुप जाती है लफ्जों की बातें आंखों से बयां हो जाती है इस छोटे से अंबर में अपना संसार बसाता हू मैं तेरे आ जाने से अपना आशियां दुनिया से छुपाता हूं मैं बारिश अक्सर आंखें भीगा जाती है हमें गम नहीं तुमसे दूर होने का क्योंकि कहानी अक्सर किस से छुपा जाती है a sinner know how to sin