दुनिया से जाने वाले फिर कभी लौट कर न आने वाले मेरे दिल से निकल के दिखा ओ तू हमें छोड़ कर जाने वाले। मैं नहीं कहता हरजाई हो तुम जो आधे में साथ छोड़ गए तुम तो हृदय में अमिट छाप छोड़ गए। मौत के बाद भी निभाते हैं रिश्ता हम जैसे निभाने वाले। तेरे अधुरे सपनों को पूरा कर सकूँ यही सच्ची श्रद्धांजलि है। तेरे नक्शे कदमों पे चल सकूँ यही अब मकसदे जिंदगी है। तूने ऊँगली पकड़ के जो राह दिखाई थी अपनी नसीहत से जीने की चाह जगाई थी। आज वो मशाल रौशन कर रहे तेरे चाहनेवाले। दुनिया से जाने वाले फिर कभी लौट कर न आने वाले मेरे दिल से निकल के दिखा ओ तू हमें छोड़ कर जाने वाले। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ पितृ