"जिस प्रकार " धर्म को भी प्रयोग कर स्वीकारने वाले देश में पाखंडी बाबाओं का अनुसरण करना ही ईश्वर भक्ति नही हो सकती " उसी प्रकार" अनेक सत्ताओं को उखाड़ फेंकने वाले देश में प्रधानसेवक की भक्ति करना ही राष्ट्रभक्ति नहीं हो सकती किसी का भी देश प्रेम किसी और के प्रमाण पत्र का मोहताज नहीं होता