वो चांद मेरी दुनिया की मै उस चांद का टुकडा हू वो माँ मेरी और मै उसका मुखड़ा हूँ, पूरी होकर भी वो अधूरी है अधूरी हो कर भी पूरी है, मै बेटी उसकी , वो माँ मेरी अलबेली है, मासूम और निस्छ्ल है, वो तो पवित्र गंगा जल है, अरे असमां के चांद मे तो दाग है, मेरे चांद मे तो अफताब है, वो चांद मेरी दुनिया की मै उस चांद का टुकडा हू, वो माँ मेरी और मै उसका मुखड़ा हूँ, by shiwangi #chand