Nojoto: Largest Storytelling Platform

"मनचाही मंजिल का संधान कर" "नव दुर्गे की नवशक्ति क

"मनचाही मंजिल का संधान कर"
"नव दुर्गे की नवशक्ति का ध्यान कर 
संचित कर शक्ति  संस्कारों में
मनचाही मंजिल का  संधान कर
 तपोबल से दमकेगा तेज तेरा
शिखर, शौर्य, शान पर
छटेगा अंधेरा, पस्त होंगे शत्रु सारे
देख कर तेरी दृढ़,अटल आन पर
 सत्य, शक्ति, संस्कारों का प्रतीक बन
आदर्श होगा समाज के सम्मान पर 
टूटेंगी गुलामी की जंजीरें 
प़चंड होगी जब "आजाद" अग्नि आन पर।"

©Azaad Pooran Singh Rajawat
  #मनचाही मंजिल का संधान कर#

#मनचाही मंजिल का संधान कर# #कविता

824 Views