ध्यान से सुनना, ये एक राही की है कहानी, अभी अभी की बात है, नहीं कोई दास्तां पुरानी !! अजनबी शहर में काम की तलाश में निकला था, काम तो ना मिला, एक लड़की के हुस्न पे फिसला था !! कैसे करता इज़हारे मोहब्बत, जेब से कंगाल था, कहते है उसके दिल में दुनिया भर का प्यार था !! अपनी इस सच्चाई को वो समझ ना सका, पैसे के मुकाबले प्यार की गहराई को समझ ना सका !! चल पड़ा गुनाह के रास्ते पर, दौलत कमाने को, दिल ही दिल में उस लड़की की चाहत पाने को !! पर कौन जानता था, वो दौलत के नशे में डूब जाएगा, उसको कभी अपनी मोहब्बत नहीं बता पायेगा !! अंजान नहीं थी वो लड़की भी उसकी मोहब्बत से, बस बेख़फ़ा थी उसके प्यार पाने के तरीके से !! दिन बीतते गए , और वो दलदल में धस्ता चला गया, बाहर निकलने की बजाये और फसता चला गया !! एक दिन फिर उस लड़की से उसकी आँखे चार हुई, इज़हारे मोहब्बत की जगह शुरू एक तकरार हुई !! वो बोला, मैं तुझसे क़त्ल होकर कातिल बना, सिन्दूर के पैसे ना थे, तभी अपने हाथो को खून से सना !! तो बता इसमें मेरा क्या गुनाह ??? वो बोली , प्यार किया था तो इजहार भी करता, मैं कहती तो गुनाह भी करता !! जो तू चाहता था वही तो बना है , तू तो पहला आदमी है , जिसने मोहब्बत को ठगा है !! #Sard_subh_ki_mulakat #poet #writer #mypoetry #mytwoliners