याद-ए-माज़ी से निकली बिजली ने तोड़ दिया है मिट्टी का आशियाँ मेरा फक़त गुजारिश है अब्र-ए-अश्क से न तबाह करे दिल का शहर मेरा याद-ए-माज़ी- अतीत की यादें अब्र- बादल 🎀 Challenge-398 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।