वो बहुत सलीक़े से झूट बोलता रहा, मैं यक़ीन न करता तो क्या करता यक़ीन का वक़्त जब गुजर चला, तो दुआ न करता तो क्या करता कोई रहगुजर न रही, कोई ग़मगुसार न रहा थाम लेते जो हाथ तो, ज़माना न यूँ हँसा करता अब तक जो तुमने देखा, वो एक ज़र्रा था मुहब्बत कुछ देर ठहर जाते तो "पागल" तुम्हे सजदा करते तुम्हे भूलना गर होता इतना आसान ऐ संगदिल मेरी आँखों में फिर ये अश्क़ न सजा करता ऐ काश लौट आता वो बीता हुआ लम्हा तू बस्ती मेरी साँसों में, मैं तेरी धड़कन में रहा करता ये होंठो की सुर्खी,ये नीमबाज़ आँखें तेरी इक इक अदा पर, मैं ग़ज़ल कहा करता ईजाज़ अहमद "पागल" #ejaz #pagal #YQbaba #YQdidi #shayari #love #missyou #bewafai #hindi #YQghalib #prague