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गिरा कर अश्क आंखों से, रोना कौन चाहेगा ; निगाहों म

गिरा कर अश्क आंखों से, रोना कौन चाहेगा ;
निगाहों में बसाकर ख्वाब, सोना कौन चाहेगा ।
कुमुदिनी एक है, भंवरे हजारों मर रहे प्यारे ;
सनम की बेवफाई पर, "ऋषि"मरना न चाहेगा ।।

©RISHI SHUKLA गिरा कर अश्क आंखों से, रोना कौन चाहेगा ;
#rishishukla 
#alone  Mayank Raghuwanshi Pallavi Srivastava  Namrata Tripathi Mubashir Rehman Pedhar Hiyan Chopda
गिरा कर अश्क आंखों से, रोना कौन चाहेगा ;
निगाहों में बसाकर ख्वाब, सोना कौन चाहेगा ।
कुमुदिनी एक है, भंवरे हजारों मर रहे प्यारे ;
सनम की बेवफाई पर, "ऋषि"मरना न चाहेगा ।।

©RISHI SHUKLA गिरा कर अश्क आंखों से, रोना कौन चाहेगा ;
#rishishukla 
#alone  Mayank Raghuwanshi Pallavi Srivastava  Namrata Tripathi Mubashir Rehman Pedhar Hiyan Chopda
shukla7893367113035

RISHI SHUKLA

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