दर्मियान वो एसा था मेरा , जिसमें पाया भी खुद को, खोया भी खुद को । एसा एक आईना था मेरा, जिसमें देखा भी नहीं खुद को, जाना भी नहीं खुद को। बीच में आके फसा था मेरा.... मेरा वो इंतजार ... जिसमें लिखा भी नहीं था कभी मेरा वो एक दरमियान...!! darmiyan