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समुंदर की उठती गिरती पानी की लहरें तट की सीमाओं को

समुंदर की उठती गिरती पानी की लहरें
तट की सीमाओं को लांघ कर 
आजाद हो जाने हेतु 
सागर के किनारों की बंदिशों पर
उठापटक करती सिर को फोड़ती
लगातार प्रयत्नशील रहती हैं
ठीक इंसानी शरीर रूपी समुंदर में
आत्मा रूपी पानी इसके किनारों व
कंकाल के खंडर की सीमाओं को लांघ कर आजाद होना चाहती है
भागना चाहती है , दूर ,बहुत दूर,, अनजानी खामोश एकांत जगह में 
अनंत दूर,,,,,.....

©Rakesh frnds4ever
  #talaash 
#समुंदर  की उठती गिरती पानी की #लहरें 
@तट की सीमाओं को लांघ कर 
#आजाद  हो जाने हेतु 
सागर के किनारों की #बंदिशों  पर
उठापटक करती सिर को फोड़ती
लगातार प्रयत्नशील रहती हैं
ठीक #इंसानी शरीर रूपी समुंदर में

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