विद्यासागर तभी बने हो..... विद्यासागर तभी बने हो..... मुखमण्डल पर तेज प्रखर है ध्यान,योग,संयम में बल है आत्म रसास्वादन करते हो विद्यासागर तभी बने हो आभामण्डल दीप्तिमान है