तुर जाणगी धीयां इक दिन चिड़ियां वाँग, रौनक घर दिया लगियां जिन्हा दे नाल, बाबुल दी लाडली धीयां तुर जाणगी इक दिन चिड़ियां वांग।। आ जावी नी धीये मिलन ली तेरे बाबुल दा बुआ हर वेले खुला वा, जदो तक बैठा तेरा बाबुल तू कदे संघी ना।। तुर जा - चले जाना आ जावी - आ जाना वांग - उसकी तरह धीयां - बेटी बाबुल - पिता बुआ - दरवाजा संघी - शर्माना