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॥ स्तुति मंत्र ] सुरासंपूर्णकलशं, रुधिराप्लुतमेव

॥ स्तुति मंत्र ]

सुरासंपूर्णकलशं, रुधिराप्लुतमेव च । दधाना हस्तपद्माभ्यां, कूष्मांडा शुभदास्तु मे ।।

(अमृत से परिपूरित कलश को धारण करने वाली 
और कमलपुष्प से युक्त तेजोमय मां कूष्मांडा हमें सब कार्यों में शुभदायी सिद्ध हो)

©Adhïťãjīvăn kï
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