हर रास्ता उल्फत का आजमा लिया हर दिल को भी सीने से लगा लिया चाह हो या हसरत या प्यार की हो दुनिया हर रिश्ते वहीं छुटे हर बन्धन वहीं टूटे जहाँ उम्मीदों की थी दुनिया। #अपर्णा की कलम से# #उम्मीद#