कुछ अधूरी बातें अभी मुक़म्मल होनी हैं, बेवज़ह रूठने की बात पर अमल होनी है। क़ज़ा के बाद भी, कोई शख़्स जिंदा कैसे है, ज़ख्म जैसे हर इक मलाल पे सवाल होनी है।। {क़ज़ा ~ मृत्यु} #iasgovind #govindiaschoudhary #मुक़म्मल #बेवज़ह #क़ज़ा #शख़्स #जिंदा #ज़ख्म #मलाल #सवाल