मन विचारों से स्वतंत्र हूँ मैं अभिव्यक्ति को आज़ाद हूँ मैं जो उपजे हृदय-भूमि पर,उस भावों की फसल की हक़दार हूँ मैं नहीं किसी व्यर्थ बंधन में नहीं किसी अपरिचित मंथन में इस क्षण उस पल हर समय सत्य प्रस्तुति को व्यग्र हूँ मैं जो कह दे बिना डरे जो लिख दे बिना घबराए समाज हित को प्रथम वर्ग ले आए वही जन पथ प्रदर्शक कलाकार हूँ मैं सैकड़ों मूक बधिर हृदयों की गुंजायमान आवाज़ हूँ मैं थाम कलम हाथों में अपने जन मानस की अभिव्यक्ति हूँ मैं हाँ सही समझा सही सोचा तुमने कलाकार हूँ मैं आडम्बरधारी, वैभव विलासी परिवेश में उज्ज्वल वाणी धारण करता आज़ाद कलाकार हूँ मैं (स्वरचित) ©Neha M sharma 'Nirjhara' #Azaadkalakaar #kalakar #Trending #Nojoto #Hindi #hindipoetry #Azadi