अभी तक कोई कदरदान नहीं मिला हमें इस जमाने में । यें दील का शीशा टूट जाए कहीं देखने ओर दिखाने में । दूसरों क्या बताये मिला नहीं अभी तक अपना भी ठिकाना । दोस्तों को मंजिल पहुँचाकर खुद हैं अकेले में रह जांना ।। राठौर..............। दोस्तों के दिग्गज