***** क्योंकि तुम ही हो,,,अब इस जहां में मेरी पहली और आखिरी ख्वाहिश,,,,, हो ऐसी बरसात,,हो अंधेरी रात और भिगे हम साथ साथ में,,,,, जज्बातों के सैलाब में,,घनघोर बरसात में और भीग जाए बेफिक्र हालात में,,,,,