तस्वीरों के आइने में, जब मेरी नज़र जाती है, एक भीड़ का अजीब मंज़र नज़र अाता है। कहीं अपना बहुत बड़ा परिवार नज़र आता है, वाे पुराना समय याद आता है,जब सब एक थे, घण्टों बैठते थे, दादा दादी,चाचा चाची, ताया ताई, कितने ही भाई बहनों के बीच वक़्त गुज़रता था, आज वो फिर से पुरानी बातें याद आती हैं, वो बातें याद कर कर के आज भी रोना आता है। तस्वीरों के आइने में, जब मेरी नज़र जाती है, एक भीड़ का अजीब मंज़र नज़र आता है। आज वर्ल्ड फोटोग्राफ़ी डे है। दुनिया भर में फोटोग्राफ़ी को प्रेरित करने के लिए आज वर्ल्ड फोटोग्राफ़ी डे मनाया जाता है। एक तस्वीर खींचना ज़िन्दगी को क़ैद कर लेने जैसा है। घरों में फोटो एल्बम को देखना यादों के पन्ने पलटने जैसा है। कभी अपनी, तो कभी माँ-पा तो कभी दोस्तों, तो कभी रिश्तेदारों की तस्वीरें, स्कूल कॉलेज से लेकर पहाड़ों नदियों की सैर की तस्वीरें हमें बार बार मेमोरी लेन में ले जाने के लिए काफ़ी होती हैं। तस्वीरों से अपने रिश्ते की कहानी लिखें।