हराम के लुकमे से खून भी हराम कर लिया ! नफ़्स पर चल कर खुद को ख्वाहिशों का गुलाम कर लिया ! जो मुकद्दर था उससे ज्यादा मिल ना सका तुझको! क्यों हरकतों से अपनी इज्जत को नीलाम कर लिया! फिर कैसे असर हो तेरी दुआओं में इनसां ? जब आमाल से तूने खुद को शैतान कर लिया! हालात पर ए राजा फिर किस बात का गिला हो? लोगों ने खुद ही अपनी बर्बादी का सामान कर लिया Raja khan #amal