White परछाई भी कभी साथ काहा चलती है दोपहर होते तक वो भी छुप जाती है सुबह तलक निकलती है जो साथ साम तलाक वो भी थक के चूर हो जाती है यु परछाई भी काहा साथ चलती है.. चलने की चाहत साथ में हमारी भी थी लेकिन तकदीर ने हमसे अपना मुंह मोर लिया अब मलाल किस किस बात का करे कास परछाई मै भी रहता ना सही पास मे साथ साथ तो चलता ।। ©Dr kumar Shanu #Sad_Status #drksy