छू ना सके कोई गैर हमें हम अपनों के हाथों मारे गए ज़ख्म दिया था एक ने बाकी नमक लगाकर सारे गए जिनके दिल के सिंहासन पर कभी राज़ हमारा होता था आज उसी सिंहासन से हम रुसवा कर के उतारे गए.... #nojoto #rjpoetry #dosti #pyar