सुबह-शाम हर पल, तेरी राह हम निहारें, दिन तेरे इंतज़ार में, रातें जागकर गुजारे । वो कौन सा जहाँ, जो लौटकर आता नहीं, चाहे उम्रभर उन्हें, कोई जितना भी पुकारे । बोझ सी लगने लगी है, ज़िन्दगी हमारी, काटनी तो पड़ेगी, बस तेरे यादों के सहारे । A challenge by Collab Zone🌟 ✔️समय - २२ फरवरी शाम ५ बजे तक ✔️ ४-६ पंक्तीयो में ही रचना लिखनी है । ✔️Collab करने के बाद कमेंट में done लिखना है । वरना हमारी नजरों से आपकी रचना छूट सकती हैं ।