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मन स्थिर नहीं चंचल है जिसने इसे चाहा शांत करने वो

मन स्थिर नहीं चंचल है
जिसने इसे चाहा शांत करने
वो और चंचल हो गया
मन स्वयं अतृप्त है
जिसने इसे चाहा तृप्त करने
वो और अतृप्त हो गया
मन स्थिर नहीं चंचल है
जिसने इसे चाहा शांत करने
वो और चंचल हो गया
मन स्वयं अतृप्त है
जिसने इसे चाहा तृप्त करने
वो और अतृप्त हो गया
mukesh2846368106126

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