कुछ अधूरापन सा हो गया है जिंदगी तन्हा सी लगती है दिन तो गुजर जाता है मसला तो रातों का हो गया है कुछ तो रहमत कर खुदा अजीब सी कश्मकश है ©Mansii Yadav #ajaad_parinda #fourlinepoetry