कितनी देर लगती है, किसी को अपनाने में, लेकिन जरा भी देर नहीं लगती, किसी का दिल दुखाने में, ऐसे ही रिश्ते हैं आजकल जमाने में, जैसे टूटा हुआ दर्पण मयखाने में। #शेखर वक़्त के बदलने में आदमी को ढलने में किसी के खोने में किसी के मिलने में कितनी देर लगती है? #कितनीदेर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi