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जब आजादी का वक्त करीब आया तो पिंजरों से मोहब्बत हो

जब आजादी का वक्त करीब आया तो पिंजरों से मोहब्बत हो गई
वो स्कूल के दिनों की बंदिशे भी कॉलेज में आने के बाद अच्छी लगती है
वो प्रोफेसर की बेफिक्री में अपने स्कूल के टीचर्स की यादें आंखे नम कर जाती है उन दिनों की बातें अक्सर ही दिल को ज़िंदा कर जाती है

©Riya Garewal
  #bhuli bisri yaadein
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Riya Garewal

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#Bhuli bisri yaadein

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