जरूर पढ़े 👇👇👇#आवाज़_दिल_की इतनी ऊँचाई पर आकर जमाना #दूर तक देखा!!! किसी को गम नहीं छूता कहीं #मजबूर तक देखा!!! किसी को है नहीं फुर्सत अपने ही घर में #सोने की,,, कहीं सड़कों पे ही सोते हुए #मजदूर तक देखा!!! और,,,??? कोई है दूर अपनों से कोई #गैरों से मिलता है,,,, खुदा ने क्या बनाया जग उसका #दस्तूर तक देखा!!! और,,,??? कोई पैदल ही चलता है कोई #गाड़ी से चलता है,,, किसी को रिक्शे में ही बैठे हुए #मगरूर तक देखा!!! और,,,??? कोई दौलत का मारा पर #अमीरी दिल में रखता है,,, कहीं गरीबी की फटी चादर तले #कोहिनूर तक देखा!!! और,,,??? कहीं #जर्जर पड़े घर में अपनों के साथ रहते सब,,, कहीं महलों में भी मां-बाप को बच्चों से #दूर तक देखा!!! और,,,??? कहीं सूखी पड़ी डाली पे #कोयल कूंकती बैठी,,, कहीं पिजड़े के पंछी को बहुत #मजबूर तक देखा!!! और,,,??? कोई सब कुछ छुपा करके बहुत #गुमनाम बैठा था,,, किसी को खाली पड़ी बोतल से ही #मशहूर तक देखा!!! और,,,??? कोई गम को छिपाता है कोई #दौलत दिखता है,,,, कहीं सच बोलने वाला यहाँ #मंसूर तक देखा!!! और,,,??? कोई था फूल के जैसा कोई #पत्थर लिए बैठा,,, कहीं फिर कांच को होते मैं #चकनाचूर तक देखा!!! और,,,??? कोई अपनों से जलता है कोई #अपनें से जलता है,,, चिरागों को कहीं होते हुए #बेनूर तक देखा!!! #नवरत्न_मिश्रा #मुम्बई #12/12/2021 👇 ©Navratna Mishra #rain