धुँधले हो गये है कुछ निशां मेरे बदन पर ज़रा दोबारा सें वो निशां दे जाओ ना रह गये है अधुरे कुछ किस्से लबों पर ईक मुलाकात कर मुकम्मल कर जाओ ना शुष्क हो गयी है रूह मेरी तुम मोहब्बत की नमी दे जाओ ना || - रती #Pyar#hindi#poetry#love#shayri#erotica#exoticwriting#mohhobat#ishq#loveshayri