तुम औरत हो कोई दोषी तो नहीं, फिर क्यों हर जुल्म हो सहती, तुम्हें भी हक है खुल के जीने का, बस एक बार आवाज उठा कर तो देखो । हो जाने दो, बस एक बार खुद को स्वार्थी हो जाने दो, दूसरों के बारे में सोचना छोड़ कर, एक बार खुद के लिए कुछ कर के तो देखो । उड़ जाने दो, बस एक बार खुद को उड़ जाने दो, सफलता के उन ऊंचाइयों को, एक बार छू कर तो देखो । खो जाने दो, बस एक बार खुद को खो जाने दो, अपने सपनों की दुनिया को, एक बार जी कर तो देखो । -harmony_in_dark_01 #basekbar