राह ढूँडता हुआ अब थक कर बैठा हैं. पेड के छाव में बैठा विचार करता की निकल पडा हूं जिसे ढूँडने उसका अंतीम रस्ता मौत हैं. यह विचार करते देह चल रहा हैं. सास चल रही है.... अंतीम रस्ते से पहले थोडा रूक कर जी रहा हैं मन जिना ही विचार है.... ©viju patil #Trees #हिंदी विचार