आज ही कि बात और अब ही कि हैं ताज़ी, अपनी सोच को यूह मै लपेट गया, स्टेशन पहुचा सीट ना मिली पंखा देख ज़मीन पर भी मैं बैठ गया shayarpraneet सटेशन पर बीतता वक़्त. #तिरुपति#गुडूर#ट्रेवल#शायरप्राणीत #सच