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इससे ज्यादा नम मैं अन्दर से हूं, शीशे के ये जो बाह

इससे ज्यादा नम मैं अन्दर से हूं, शीशे के ये जो बाहर हो रहा है 
और मुझे ही पता है दुनिया ये समझती है कि 'वो' छलक रहा है।

छलकता वो नहीं है छलकता वो है जिसका दर्द 
हो रहा है,
तुम दुआ मांगते रहो जिसको मिला है कबूल हो रहा है। #gif रोने वालों के लिए सहेजने का मौसम,
कमरे में बैठा कोई खुश्क शीशे की भाप पर दर्द लिख रहा है।
भाप पर लिखा कितनी देर टिकेगा,
रेत पर फिर भी लहर का स्वागत में इन्तज़ार हो रहा है।
इससे ज्यादा नम मैं अन्दर से हूं, शीशे के ये जो बाहर हो रहा है 
और मुझे ही पता है दुनिया ये समझती है कि 'वो' छलक रहा है।

छलकता वो नहीं है छलकता वो है जिसका दर्द 
हो रहा है,
तुम दुआ मांगते रहो जिसको मिला है कबूल हो रहा है। #gif रोने वालों के लिए सहेजने का मौसम,
कमरे में बैठा कोई खुश्क शीशे की भाप पर दर्द लिख रहा है।
भाप पर लिखा कितनी देर टिकेगा,
रेत पर फिर भी लहर का स्वागत में इन्तज़ार हो रहा है।