अहाँ शिवा कुछो नहि चाही! नहि चाही चांद सितारा, नहि कौनो उपहार,, हमरा नहि चाही चूरी कंगना, नहि कौनो मेकअप श्रृंगार,, हम त११ बस एतने चाहिले! आखिक सोझा में रहूँ यौ प्रियतम हमार। चूरियाँ टूटतई, बिंदिया उखरतई, धुलि जेतय मेकअप श्रृंगार, बचि जेतय खाली अहाँक! मनक संजोअल अथाह अटूट प्यार,, जे रहतई सभ दिन हमर जीबई के आधार। ©anjana writer अहाँ शिवा कुछो नहि चाही!